बैंकों में प्रयोग होने वाले शब्द और उनके अर्थ जिनसे आप जान सकें बैंकों की भाषा जिससे कि आपको बैंकों और इनकी शब्दावली को समझने में आसानी होगी। कई प्रकार के शब्द जो कि बैंकों में प्रयोग किए जाते हैं जिनका अर्थ हमें मालूम नहीं होता है। आज समझेंगे बैंकों की भाषा जिससे इन्हें समझने में और भी आसानी होगी। बैंकों में प्रयोग होने वाली शब्दावली समझे बिना बैंकों के कामकाज को समझना नामुमकिन सा भी है। बैंकों के बारे में अधिक जानकारी और अन्य पहलुओं को जानने के लिये बैंक क्या हैं विस्तार से पढ़ें।
बैंकों में प्रयोग होने वाले शब्द
ATM एटीएम का फुल फॉर्म है Automated Teller Machine यानी स्वचालित टेलर मशीन। यह एक ऐसी मशीन है जिससे आप एटीएम कार्ड या डेबिट कार्ड का उपयोग करके अपने बैंक खाते से पैसा निकाल सकते हैं। तकनीक में सुधार से अब कई एटीएम मशीनों से आप अपने बैंक खाते में पैसे जमा भी करवा सकते हैं। आमतौर पर एटीएम मशीन बैंक के बाहर या बाजारों, ऑफिस कॉंप्लेक्सों अथवा भीड़ भाड़ वाले क्षेत्रों में लगी रहतीं हैं।
DR का प्रयोग डेबिट, निकासी या चार्जेस के लिये किया जाता है। CR का प्रयोग क्रेडिट या जमा के लिये किया जाता है। जब कोई रकम DR होती है तो खाते से बैलेंस कम हो जाता है। जब कोई रकम CR होती है तो खाते में बैलेंस बढ़ जाता है।
बैंक बैलेंस यानी वह पैसा जो कि आपके बैंक खाते में निकलवाने के लिये उपलब्ध है। यहां पढ़ें बैंक बैलेंस कैसे चेक करें।
वह शुल्क जो ग्राहक बैंक से सेवायें लेने के बदले देता है।
यह छपा हुआ रिकार्ड होता है जिस पर आपके खाते की निकासी और जमा का विवरण होता है। यह साधारण कागज पर भी छपा हो सकता है या पत्रिका के रूप में भी होता है जिसे पास बुक कहते हैं। विस्तार से समझें बैंक स्टेटमेंट को कैसे पढ़ें।
जब कोई चेक खाते में उपयुक्त बैलेंस ना होने के कारण बिना भुगतान के जमाकर्ता को लौटा दिया जाता तो उसे चेक बाउंस होना कहते हैं। यहां विस्तार से पढ़ें चेक कैसे लिखें और इसे जमा करवाने संबंधित अन्य जानकारियां।
नोट और सिक्कों के रूप में पैसे को नकदी कहा जायेगा। हालांकि अब यूपीआई एप्प जैसे कि भीम, डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड और मोबाइल बैंकिंग के जारिये ही पैसे का लेन देन होने लगा है और नकदी का प्रायोग बहुत कम हो गया है।
एक ऐसा प्रपत्र जिससे आप अपने खाते से भुगतान कर सकते हैं या किसी व्याक्ति से भूगतान प्राप्त कर सकते हैं।
एक पुस्तिका जिसमें आमतौर पर दस, पचास या सौ चेक होते हैं जिसे बैंक खाताधारक को जारी करता है जिससे कि वह उनका प्रयोग भुगतान आदि के लिये कर सके।
खाते में जमा रकम को क्रेडिट या जमा कहते हैं।
उधार पर ली गयी वस्तु को भी क्रेडिट पर लेना कहा जाता है।
इस कार्ड से आप वास्तुओं और सेवाओं का भुगतान उधार रूप में कर सकते हैं जिनका भूगतान आपको क्रेडिट कार्ड जारी करने वाले बैंक को देय तिथी से पहले करना होता है। यहां आप विस्तार से क्रेडिट कार्ड के बारे में पढ़ सकते हैं।
करंट अकाउंट यानी चालू बैंक खाते कंपनियों, फर्मों, सार्वजनिक उद्यमों, व्यवसायियों के द्वारा खुलवाये जाते हैं जिनके पास आम तौर पर बैंक के साथ नियमित लेनदेन की अधिक संख्या होती है उनके लिये यह अकाउंट बहुत सुविधाजनक होते हैं। चालू खाते में जमा, निकासी, और अन्य प्रकार के लेनदेन कर सकते हैं। इन खातों पर ब्याज नहीं मिलता।
जब खाते से पैसा निकाला जाता है या चार्ज लगता है तो उसे डेबिट कहा जाता है।
डेबिट कार्ड का प्रयोग खाते से भुगतान करने या एटीएम से पैसे निकलवाने के लिये किया जाता है। यहां आप विस्तार से डेबिट कार्ड के बारे में पढ़ सकते हैं।
डिमांड ड्राफ्ट या डीडी चेक की तरह दिखने वाला प्रपत्र है जो कि बैंक द्वारा जारी एक नेगोशियेबल इंस्ट्रूमेंट है। नेगोशियेबल इंस्ट्रूमेंट का अर्थ यह है कि यह भुगतानकर्ता के नाम का उल्लेख करते हुए भुगतान की एक निश्चित राशि की गारंटी देता है।
डिपॉजिट स्लिप एक छोटा सा फॉर्म होता है जिसे बैंक खाते में धन या चेक जमा करने के लिए उपयोग किया जाता है। जमा पर्ची में तिथि, जमाकर्ता का नाम, जमाकर्ता का खाता संख्या और चेक नंबर या जमा की गई नकदी और सिक्कों की मात्रा लिखी जाती है।
पैसा जो आप बैंक को लोन लेने के बदले शुल्क के रूप में देते हैं या बैंक जो राशी आपको आपके जमा पर देता है। यहां विस्तार से पढ़ें बैंक जमा पर ब्याज कैसे गिनते हैं।
लोन को उधार, कर्ज या ऋण भी कह सकते हैं। एक राशी जिसे आप बैंक से ले सकते हैं जिसे कि पहले से निश्चित समय अवधि में अतिरिक्त शुल्क यानी ब्याज के साथ चुकाना होता है।
ओवरड्राफ्ट का मतलब है कि बैंक ग्राहकों को एक निश्चित राशि उधार लेने की अनुमति देता है। इसके बदले में बैंक ग्राहक से ब्याज लेता है।
पेयी या आदाता ऐसे व्यक्ति को कहेंगे जिसे पैसा दिया जाता है या उसे भुगतान किया जाना चाहिए। जैसे जिसके नाम चेक जारी किया जाता है या जिसके नाम पैसा ट्रांसफर किया जामा हो उसे पेयी या आदाता कहेंगे।
Saving Account सेविंग खाता यानी बचत खाता जिस में खातेधारक अपनी बचत जमा करेवाते हैं औऱ इस पर बैंक ब्याज भी देता है।
मिनिमम बैलेंस या औसत न्यूनतम राशि वह राशि है जो किसी ग्राहक को अपने खाते को सुचारू रूप से चलाने के लिये बना कर रखनी होती है। बैंक मिनिमम बैलेंस ना होने पर आपको शुल्क लगा सकता है। विस्तार से पढ़ें मिनिमम बैलेंस के बारे में और कैसे इसे गिनते हैं।
यह थे बैंकों में प्रयोग होने वाले कुछ शब्द और उनके अर्थ आसाान हिंदी में जिससे कि साधारण लोग भी इन्हें समझ सकें।
Leave a Reply