चेक कितने दिन में क्लियर होता है और इससे जुड़े अन्य सवाल और जवाब। चेक कैसे लिखते हैं, कितने तरीके से लिख सकते हैं, जमा कैसे करते हैं। साथ ही जानिये चेक जमा होने के बाद की प्रक्रिया और चेक जमा करने के कितने दिन बाद क्लियर होता है और पैसा खाते में मिल जाता है। विस्तार से जानते हैं कि चेक इश्यू कैसे करें, चेक जमा कैसे करें और चेक क्लियरिंग से जुड़े अन्य सवाल जवाब।
चेक से संबंधित जानकारियाँ
- चेक जारी करते समय जिसे देय है उसका नाम और देय राशि अंकों और शब्दों में लिखनी होती है और हस्ताक्षर करने होते हैं
- चेक लिखने के दो तरीक़े हैं – एकाउंट पेयी और बेयरर
- डिपॉजिट स्लिप भर कर जमा करवा सकते हैं चेक
- RBI के क्लियरिंग के जरिये खाते में होता है भुगतान
चैक कैसे लिखते हैं
आपका सेविंग एकाउंट खुल गया, चेकबुक मिल गयी तो यह भी सीख लेते हैं कि चेक कैसे जारी कर सकते हैं? चेक जारी करना बहुत आसान काम है, बस थोड़ा ध्यान से भरना होता है चेक को। सबसे पहले जहां Pay पे या देय लिखा है उसके आगे जिसको चेक देना है उसका पूरा नाम लिखें जैसा की उसके बैंक खाते में दर्ज है। इसके बाद जहां राशि लिखनी है वहां अंकों तथा शब्दों में राशि लिख दें। राशि लिखने से पहले कोई जगह खाली न छोड़ें। राशि लिखने के बाद यदि हिंदी में लिख रहे हैं तो “मात्र’ और इंगलिश में लिख रहे हैं तो “Only’ अवश्य लिखें। ऐसा इस लिये किया जाता है जिससे कि कोई राशि में छेड़छाड़ ना कर सके। इसके बाद उचित जगह पर अपने हस्ताक्षर कर दें। हस्ताक्षर करते समय ध्यान रखें कि बिलकुल वैसे ही हस्ताक्षर करें जैसे बैंक के रिकॉर्ड में आपके हस्ताक्षर है। यदि आपके हस्ताक्षर बैंकों के रिकॉर्ड के हस्ताक्षरों से मिलान नहीं होंगे तो बैंक आपके चेक को बिना भुगतान किए वापस कर सकता है।
दो तरीके से लिख सकते हैं
चेक को आप अकाउंट पेयी या बियरर जारी कर सकते है। अकाउंट पेयी चेक जिसे चेक दिया है वे केवल अपने खाते में उसे जमा करवा सकते हैं। बियरर चेक जिसे चेक दिया है उसे लेकर आपके बैंक की शाखा में जाकर कैशियर से चेक के बदले में चेक पर लिखी राशि कैश ले सकता है। कैशियर उससे चेक पर हस्ताक्षर लेगा और उसका पहचान पत्र भी मांग सकता है। चेक को अकाउंट पेयी करने के लिये चेक के बायीं तरफ ऊपरी कोने पर Account payee only लिख दें और चेक पर नाम के बाद बेयरर शब्द काट दें।
बैंक में चेक कैसे जमा करें
चेक जमा करवाने के लिए आप अपने बैंक की शाखा में जाकर डिपॉजिट स्लिप मांग सकते है इस डिपॉजिट स्लिप को भरकर चेक के साथ बैंक में काउंटर पर जमा करवा सकते हैं या वहाँ ब्रांच में रखे बॉक्स में छोड़ कर आ सकते है। चेक को जमा करवाने के लिये डिपॉजिट स्लिप पर आपको अपना नाम जो बैंक के रिकॉर्ड में है भरना होगा चेक की डिटेल जैसे चेक नंबर, बैंक का नाम और शाखा का पता चेक की राशि के साथ भरना होगा। ध्यान रहे कि चेक पर लिखा आपका नाम और उसके स्पेलिंग बैंक के रिकॉर्ड में आपके नाम से हूबहू मिलते हों। आप अपने खाते में किसी भी ऐसे बैंक का चैक जमा करवा सकते हैं जो बैंक आरबीआई की क्लियरिंग में भाग लेते हैं।
चेक क्लियरिंग कैसे होती है
एक बार चेक जमा हो जाने के बाद आपका बैंक चेक को आरबीआई की Clearing में भेज देता है। अगले दिन जो चेक आपने जमा करवाया था वह जारी करने वाले के बैंक में पहुंच जाता है। चेक जारी करने वाले के बैंक में चेक पर लिखी राशि का मिलान चेक इश्यू करनेवाले के खाते में उपलब्ध बैलेंस से किया जाता है, यदि पर्याप्त बैलेंस उपलब्ध हो तो चेक पर किए गए सिग्नेचर का मिलान किया जाता है और चेक को पास कर दिया जाता है। यदि चेक इश्यू करनेवाले के खाते में चेक पर लिखी राशि जितनी पर्याप्त राशि न हो, सिग्नेचर ना मिलते हों या चेक पर अन्य कोई गलती हो तो बैंक उस चेक को बिना भुगतान के वापस कर सकता है। चेक वापिर होने पर बैंक चेक जारी करने वाले और चेक जमा करवाने वाले से शुल्क भी ले सकता है।
चेक कितने दिन में क्लियर होता है
यदि चेक पास हो जाता है तो अगले दिन चेक की राशि चेक जमा कराने वाले के खाते में जमा हो जाती है।यदि चेक वापस कर दिया जाता है तो वह चेक जमा करने वाले को वापस कर दिया जाता है। चेक के साथ चेक किसलिए वापिस किया गया इसका कारण भी लिख कर दिया जाता है।
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