What is Deposit Slip in Hindi डिपॉजिट स्लिप क्या है, इसका क्या महत्व है और इसे कैसे भरते हैं। हम जब भी बैंक में नकदी या चैक जमा करवाने जाते हैं तो हमें एक जमा पर्ची भरनी पड़ती है।इसे पे इन स्लिप भी कहते हैं। इसी जमा पर्ची यानी पे इन स्लिप की जानकारी, इसे क्यों भरा जाता है, इसके क्या प्रयोग हैं तथा यह क्यों जरुरी और महत्वपूर्ण है विस्तार से जानते हैं आसान हिंदी में। साथ ही हमारी साइट पर पढ़िये चेक जारी करना जमा करवाना और इससे जुड़े अन्य सवाल। What is Deposit Slip and what is it’s use in bank in Hindi.
Deposit Slip in Hindi
एक छोटा सा फॉर्म जिसे बैंक खाते में धन या चेक जमा करने के लिए उपयोग किया जाता है उसे Deposit Slip कहते हैं। जमा पर्ची में तिथि, जमाकर्ता का नाम, जमाकर्ता का खाता संख्या और चेक नंबर या जमा की गई नकदी और सिक्कों की मात्रा लिखी जाती है। बैंक क्लर्क आम तौर पर जमा पर्ची पर सूचीबद्ध राशि के अनुसार प्राप्त धन की पुष्टि करता है और जमा की एंट्री करने के लिए पर्ची को प्रोसेस करता है। यहां पढ़िये Toll free Numbers of Banks and Insurance Companies.
Deposit Slip का प्रयोग
बैंक में प्रवेश करने पर ग्राहक को आमतौर पर निश्चित स्थान पर आवश्यक जानकारी भरने के लिए Deposit Slip का ढेर पड़ा मिल जायेगा। धन जमा करने के लिए बैंक टेलर के पास आने से पहले ग्राहक को जमा पर्ची भरनी होगी। इसके अतिरिक्त डिपॉजिट स्लिप्स का चेक जमा करने के लिये भी प्रयोग कया जाता है। हालांकि डिजिटल पेमेंट और मोबाइल बैंकिंग के जमाने में पेपर चेक का उपयोग घट गया है। यहां पढ़ें मिनिमम बैंलेंस क्या है हमारी साइट पर।
Deposit Slip का उद्देश्य बैंक के लिये
जमा पर्ची बैंक और ग्राहक दोनों को सुरक्षा प्रदान करती है। बैंक दिन भर जमा की गई धनराशि के लिखित रेकार्ड को बनाए रखने में मदद के लिए उनका उपयोग करते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि उस दिन के अंत में कोई जमा राशि एंट्री होने से छूटी तो नहीं है।
ग्राहकों के लिए
बैंक ग्राहकों के लिए Deposit Slip वास्तविक रसीद के रूप में कार्य करती है। वह सुनिश्चित कर सकता है कि बैंक ने धन के लिए उचित रूप से एंट्री करने के बाद उन्हें सही खाते में सही राशि के साथ जमा कर दिया है। यदि ग्राहक बाद में अपने खाते की शेष राशि की जांच करता है और पता लगाता है कि जमा सही ढंग से नहीं किया गया था, तो जमा पर्ची इस सबूत के रूप में कार्य करती है कि बैंक ने ग्राहक से धन प्राप्त किया है।
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जमा पर्ची के घटते प्रयोग
ऐसा देखने में आ रहा है कि जमा पर्ची अतीत की बात बनती जा रही हैं। बैंकों में लगे एटीएम और जमा मशीनें ग्राहकों से नकद और चेक जमा लेने लगीं हैं जहां इलेक्ट्रोनिक रूप से उन्हेँ जमा किया जाता है और ग्राहक को इलेक्ट्रॉनिक पर्ची मिलती है। नई तकनीक में एटीएम पर चेक और नकदी जाम करने पर डिपॉजिट स्लिप की आवश्यकता नहीं बचती है। अब तो चेक स्कैन करके उन्हें जमा करवाने की तकनीक भी आ रही है जिससे डिपॉजिट स्लिप की अवश्यकता ही नहीं रहेगी।
यह था Deposit Slip यानी जमा पर्ची के प्रयोग और महत्व पर हमारा आज का लेख। शेयर बाजार, पर्सनल फायनांस, म्यूचुअल फंड और टैक्स सेविंग के लिये हमारे ब्लॉग पर आपको कई लेख मिलेंगे जिन्हें पढ़ कर आप नई जानकारियां प्राप्त कर सकते हैं।
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