Depreciation in Hindi डेप्रिसिएशन क्या है इसका क्या महत्व है और इसे कैसे गिनते हैं। डेप्रिसिएशन यानि मूल्यह्रास या अवमूल्यन किसे कहते हैं औऱ कंपनी के खातों में यह किस तरह महत्वपूर्ण होता है और इसका कंपनी की आय और टैक्स पर क्या असर होता है यह सब जानते हैं आसान हिंदी में। कंपनी के वित्तीय नतीजे समझने के लिये किस तरह यह छोटी छोटी जानकारियां महत्वपूर्ण होतीं हैं यह भी समझेंगे।
Depreciation in Hindi
Depreciation या मूल्यह्रास किसी मूर्त संपत्ति की आयू के अनुसार उसकी लागत को आबंटित करने का तरीका है जिससे उसकी वास्तविक मूल्य ही खाते या बैलेंस शीट में रहे। किसी भी व्यवसाय में कर और लेखांकन उद्देश्यों दोनों के लिए दीर्घकालिक संपत्तियों के मूल्य को कम किया जाता है। कर उद्देश्यों के लिए कंपनियां अपने व्यावसायिक खर्चों के रूप में खरीदी गईं वास्तविक संपत्तियों की लागत को घटा सकतीं हैं। कंपनियां कितना और कब मूल्यह्रास करेंगी यह आयकर नियमों में निर्धारित रहता है।
Depreciation Accounting मूल्यह्रास का लेखांकन
लेखांकन के छात्रों को मूल्यह्रास अक्सर एक कठिन अवधारणा लगती है क्योंकि यह वास्तविक नकद प्रवाह का प्रतिनिधित्व नहीं करती है। Depreciation ऐसा व्यय है जिसमें बैंक अथवा नकदी में से कोई भुगतान नहीं किया जाता है। खातों में सीधे संपत्ति के मूल्य को कम कर Depreciation के व्यय को बढ़ा दिया जाता है।
How to Calculate Depreciation in Hindi
लेखांकन उद्देश्यों के लिए मूल्यह्रास व्यय नकदी लेनदेन का प्रतिनिधित्व नहीं करता है, लेकिन यह दिखाता है कि एक अवधि में किसी व्यवसाय ने उस संपत्ति के कितने मूल्य का उपयोग किया है। मान लीजिये कि कंपनी कोई मशीन ₹5 लाख में खरीदती है और उस मशीन की औसत आयु 10 साल है। अब औसत आयु के अनुसार उस मशीन का मूल्य हर वर्ष ₹50000 से कम हो रहा है। अब यदि उस मशीन की कीमत कंपनी के खातों में ₹5 लाख है तो एक वर्ष के प्रयोग के बाद उसकी कीमत खातों में घटा कर ₹4.5 लाख कर दी जायेगी और इस ₹50000 को Depreciation में डाल दिया जायेगा जो कि एक व्यय का मद है। इस व्यय पर कंपनी को इनकम टैक्स का लाभ भी मिलेगा। इस प्रकार वर्ष के अंत में कंपनी की बैलेंस शीट में ₹4.5 लाख की संपत्ति दखेगी और आय में से ₹50000 घट जायेंगे।
Depreciation का रेट
अलग अलग तरह की संपत्तियों के लये अलग अलग रेट पर Depreciation लगाया जाता है। मशीनों और प्लांट पर इसका रेट कम रहता है। कार वाहन आदि पर कुछ अधिक रहता है। कंप्यूटर और अन्य इलेक्ट्रोनिक गैजेट्स या मशीनें जिनकी तकनीक जल्दी जल्दी बदलती है उनके लिये डेप्रिसिएशन का रेट बहुत अधिक रहता है।
वास्तविक असर
यह समझने की बात है कि कंपनी में वास्तव में इस खर्च के मद के लिये कोई भुगतान नहीं किया है इसीलिये एबिटडा गिनते समय डेप्रिसिएशन को वापिस शुद्ध लाभ में जोड़ दिया जाता है। अब यह निवेशक के लिये समझने वाली बात है कि कंपनी किस तरह के व्यवसाय में है और यह Depreciation किस संपत्ति पर लगा है। इसे समझ कर ही निवेशक पता चला सकता है कि लगाया गया Depreciation क्या वाकई कंपनी के लाभ को प्रभावित कर रहा है और कितना।
उम्मीद है Depreciation in Hindi डेप्रिसिएशन क्या है पढ़ने के बाद आपको कुछ अहसास हो रहा होगा कि कैसे कुछ छोटी छोटी बातों की समझ कंपनियों के नतीजों को समझने में योगदान देतीं हैं। अच्छा निवेशक बनने के लिये यह सब जानकारियां किसी भी निवेशक के लिये लाभप्रद हो सकतीं हैं।
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