मंदी के समय ध्यान रखने योग्य बातें जिनसे कि आप फाइनेंशियल मुश्किलों से बचे रहें। अर्थव्यवस्था में धीमापन और भारी मंदी के समय में आपने फ़ाइनेंस को मैनेज करना मुश्किल काम हो सकता है। जरा सी असावधानी और एक गलत निर्णय भी आपकी आर्थिक सेहत पर बुरा प्रभाव डाल सकते हैं। यहाँ बता रहे हैं कि वित्तीय मंदी के समय किस तरह के जोखिम नहीं लेने चाहिए।
मंदी के समय ध्यान रखने योग्य बातें
आर्थिक मंदी के समय कई तरह के वित्तीय जोखिम बढ़ जाते हैं। ऐसे में बिज़नेस डाउन हो जाते हैं, जॉब्स की सुरक्षा नहीं रहती है और आय पर विपरीत असर होने लगते हैं। ऐसे में ऐसा कोई भी काम जिससे आपका जोखिम बढ़ जाए उसे टालना बेहतर है। साथ ही यह भी ध्यान रखें कि कैसे आप अपनी वर्तमान वित्तीय स्थिति को सुरक्षित बनाए रखते हैं।
यहां हम आपको कुछ ऐसे सुझाव दे रहे हैं जिनसे आप मंदी में भी आप अपनी आर्थिक सुरक्षा को बनाए रख सकते हैं।
मंदी के समय ना करें क्रेडिट कार्ड का प्रयोग
ऐसी हालात में जब आय के साधन निश्चित ना हों, क्रेडिट कार्ड का प्रयोग कम करें। जब आय निश्चित ना हो ऐसे में क्रेडिट पर खर्च करना सही नहीं है। इस पर ध्यान रखें और यदि हो सके तो क्रेडिट कार्ड का प्रयोग ना करें।
नया लोन ना लें
कार लोन, होम लोन या अन्य किसी तरह का लोन लेने से बचें। जब आर्थिक हालात अच्छे हों तो आप अपने ख़र्चों के साथ ईएमआई आसानी से चुका सकते हैं। आर्थिक मंदी के समय लंबी कमिटमेंट से बचें। आय की अनिश्चितता के समय ईएमआई की पेमेंट का तनाव किसी के लिए भी मुश्किलें उत्पन्न कर सकता है।
क्या मेरी जॉब सुरक्षित है
अनिश्चतता के समय में यह मान लेना कि मेरी जॉब तो सुरक्षित ही है सही नहीं है। जब बड़ी बड़ी कंपनियाँ माँग में कमी के कारण आर्थिक दबाव में हों तो वहाँ काम करने वालों के जॉब की भी गारंटी नहीं हो सकती। उत्पादों की कम माँग होने पर कंपनियों पर अपने ख़र्चों को कम करने का दबाव रहता है। ऐसे में कंपनियाँ छटनी के बारे में भी सोच सकतीं हैं। जॉब चले जाने की सूचना अधिकतर अप्रत्याशित होती है और कोई भी उसके लिए मानसिक या आर्थिक रूप से तैयार नहीं होता है। ऐसे में यदि काम के घंटे बढ़ाए जाते हैं तो मैनेजमेंट के साथ सहयोग करें। मुश्किल के समय में अपनी कंपनी के लिए कुछ एक्स्ट्रा भी करना पड़े तो उससे पीछे ना हटें।
नए निवेश से बचें
खासतौर से बिज़नेसमैन नए निवेश जैसे कि नई मशीन ख़रीदना या ऑफिस लेना टाल सकते हैं। बिज़नेस लोन लेने से बचें या उसे स्थिरता आने तक टाल दें। मंदी के समय उत्पादों की माँग में कमी आ सकती है। इतना ही नहीं, अनिश्चितता के समय अचानक कच्चे माल की उपलब्धता में मुश्किल, कच्चे माल की कीमतों में बढ़ोतरी या मजदूरों अथवा कारीगरों का ना मिलना भी आपको मुश्किलों में डाल सकता है।
अर्थिक मंदी से घबराए नहीं। अपनी आर्थिक अवस्था का वास्तविक आकलन करें। बजट बनाएं और सावधानियां बरतें। फ़ालतू खर्चे ना करें या कम से कम करें। अनावश्यक जोखिम ना लें। मंदी में अपने आर्थिक हालात सुधारने के लिए क्या कर सकते हैं ऐसे कदम उठाने की तरफ़ ध्यान दें। अतिरिक्त आय कैसे जुटा सकते हैं इस तरफ़ भी ध्यान दें।
पैनिक ना हों
चाहे आप जॉब करते हैं या बिज़नेस। पैनिक हो कर कोई भी ऐसा कदम ना उठाए जिससे आपकी मुश्किलें और बढ़ जाएं। कई बार जैसा हम देखते या समझते हैं वास्तविकता उससे कुछ अलग भी हो सकती है। नए पुराने सम्पर्कों से सहायता लेने में हिचकिचाएँ नहीं। कोई समस्या हो तो दूसरों से डिस्कस कर उनके विचार भी उस समस्या के बारे में जानें।
आपदा को अवसर में बदलें
अर्थव्यवस्था में मंदी और बदलाव नए अवसरों को भी जन्म देते हैं। ऐसा ही कोई अवसर आपके लिए भी होगा। यदि ज़रूरी हो तो नया जॉब या नया बिज़नेस भी शुरू कर सकते हैं। नई स्किल सीख सकते हैं। अपने बिज़नेस का तरीक़ा बदल सकते हैं। अपने बिज़नेस को ऑनलाइन ला सकते हैं।
मंदी के समय ध्यान रखें कि तेजी भी आने वाली है
अर्थव्यवस्था के चक्र में तेज़ी के बाद मंदी और मंदी के बाद तेजी ज़रूर आते हैं। एक कुशल नाविक की तरह इन लहरों पर अपनी नाव को कुशलता से चलाते जाना ही हमें मंज़िल तक ले जाएगा।
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