म्यूचुअल फंड कैसे ज्यादा रिटर्न देते हैं इसे समझने के लिये हमें देखना होगा कि म्यूचुअल फंड कैसे काम करते हैं और इनका रिटर्न फिक्स्ड डिपॉजिट से अधिक क्यों हो सकता है। साथ ही समझेंगे कि सीधे शेयर मार्केट में निवेश करने के बजाये म्यूचुअल फंड में निवेश करना क्यों फायदेमंद हो सकता है।
Mutual Fund कैसे काम करते हैं
म्यूचुअल फंड कई तरह के होते हैं। यहाँ हम इक्विटी म्यूचुअल फंड की बात कर रहे हैं। म्यूचुअल फंड निवेश का ऐसा साधन है जिसमें कई निवेशकों से एकत्र किए गए धन को स्टॉक, बॉन्ड, मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स और अन्य परिसंपत्तियों में निवेश किया जाता है। म्यूचुअल फंड पेशेवर मनी मैनेजरों द्वारा संचालित होते हैं, जो फंड की संपत्ति को निवेशित करते हैं और फंड के निवेशकों के लिए पूंजीगत लाभ या आय कमाने का प्रयास करते हैं। म्यूचुअल फंड को डाइवर्सिइड पोर्टफोलियो में लगाया जाता है और प्रॉस्पेक्टस में बताए गए निवेश उद्देश्यों के अनुसार इसका निवेश किया जाता है।
फिक्स्ड डिपॉजिट से अधिक रिटर्न कैसे और कब मिलता है
बैंक कैसे रिटर्न देते हैं
बैंकों में फिक्स्ड डिपॉजिट पर पहले से निर्धारित ब्याज ही मिलता है। बैंकों की कमाई अधिकतर दिये गये लोन पर मिलने वाले ब्याज से होती है। बैंक लोन पर मिलने वाली ब्याज से भी कम दरों पर फिक्स्ड डिपॉजिट पर ब्याज देते हैं। बैंक में निवेश सुरक्षित होता है और गारंटित रिटर्न होता है।
Mutual Fund कैसे रिटर्न देते हैं
म्यूचुअल फंड में मनी मार्केट, डेट या शेयर मार्केट में निवेश किया जाता है। म्यूचुअल फंड का रिटर्न इन्हीं निवेशों पर मिलने वाले रिटर्न पर आधारित होता है। म्यूचुअल फड़ों का निवेश प्रोफेशनल प्रबंधकों द्वारा मैनेज किया जाता है और रिसर्च पर आधारित होता है। हालाँकि शेयर मार्केट में म्यूचुअल फड़ों द्वारा किया गया निवेश मार्केट के रिस्क पर ही आधारित होता है और इसके रिटर्न की गारंटी नहीं होती है मगर लंबी अवधि में म्यूचुअल फंड फिक्स्ड डिपॉजिट से ज्यादा रिटर्न दे सकते हैं।
सीधे शेयर मार्केट में निवेश के बजाये म्यूचुअल फंड में निवेश करना क्यों फायदेमंद
सीधे शेयर मार्केट में निवेश करना
सीधे शेयर मार्केट में निवेश करने की अपनी सीमायें होतीं हैं। कोई निवेशक जब सीधे शेयर मार्केट में निवेश करता है तो म्यूचुअल फंड के मुक़ाबले उसके पास निवेश की रकम बहुत कम होती है जिससे कि वह केवल कुछ एक कंपनियों में ही निवेश कर सकता है। कुछ चुनी हुई कंपनियों में निवेश अधिक रिस्क लिये हुए हो सकता है।
म्यूचुअल फंड में निवेश करना
म्यूचुअल फंड कई कंपनियों में निवेश करते हैं जो कि अलग अलग उद्योगों से चुनी जातीं हैं। फंड मैनेजरों के पास बेहतर सूचनायें होतीं हैं, रिसर्च की सुविधा होती है और आम निवेशकों के मुक़ाबले अधिक अनुभव होता है। म्यूचुअल फंड लंबे समय तक के लिये होते हैं तो उन पर जल्द रिज़ल्ट देने का दबाव भी नहीं रहता है। वे कंपनियों के उत्पाद और लाभ के पूरी क्षमता तक पहुँचने तक का इंतज़ार कर सकते हैं। म्यूचुअल फड़ों के पास फ़ंडिंग की समस्या नहीं रहती है जिससे वे जब मार्केट नीचे हो तो भी अधिक निवेश कर गिरे हुए दामों का फ़ायदा उठा सकते हैं।
किन कारणों से म्यूचुअल फंड ज्यादा रिटर्न देते हैं
फंड मैनेजरों के पास के पास होते हैं:
- Better Tools बेहतर टूल
- Team of Financial Analysts वित्तीय विश्लेषकों की टीम
- Software सॉफ्टवेयर
- Education शिक्षा
- Training ट्रेनिंग
- Experience अनुभव
म्यूचुअल फंड कैसे ज्यादा रिटर्न देते हैं
यहाँ हम आपको कुछ और बातें बताते हैं जिनके कारण म्यूचुअल फंड आम लोगों के मुक़ाबले निवेश में कैसे अधिक फ़ायदा दे पाते हैं।
बेहतर टूल और टीम
फंड मैनेजरों के पास Financial Analysts यानी वित्तीय विश्लेषकों की पूरी टीम होती है जिनके पास आधुनिक टूल और सॉफ्टवेयर होते हैं जो कि कंपनियों, बाजार, अर्थव्यवस्था का विश्लेशण कर शेयर और बाजार के भविष्य का पूर्वानुमान लगा कर निवेश संबंधी सिफारिशें कर सकते हैं।
शिक्षा, ट्रेनिंग और अनुभव
शिक्षा के अलावा फंड मैनेजरों को ख़ास तरह की ट्रेनिंग प्राप्त होती है जो उन्हें वैज्ञानिक तरीक़े से निवेश करने में सहायक होती है। फिर लंबे समय का अनुभव भी उन्हें सही निर्णय लेने में सहायक हो सकता है।
यह सब सुविधाएँ हर आम निवेशक के पास होना बहुत कठिन होता है इसीलिए आम निवेशक सामान्य तौर पर वैसा रिटर्न प्राप्त नहीं कर पाते।
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