Share Market In Hindi शेयर मार्केट की जानकारी, कैसे करें यहां कमाई और कैसे बचें रिस्क से यहां निवेश करने से पहले हिंदी में जान लें यह सब पहलू। शेयर बाजार में पैसा बनाना बहुत आसान है उसी प्रकार यहां पैसा खोना भी बहुत आसान है। इससे बचा जा सकता है अगर आप स्वंय शेयर मार्केट के बारे में अधिक से अधिक जानकारी एकत्र करें, शोध करें और दूसरों के दिये टिप्स पर न जायें। शेयर बाजार में निवेश करने से पहले जान लें यह पहलु जिनसे आपको पता चले कि कैसे करें कमाई और कैसे बचें रिस्क से। What is Share Market in Hindi.
Share Market Meaning in Hindi
ऐसा स्थान जहां शेयरों को बेचा और खरीदा जाता है उसे Share Market कहते हैं। यह मार्केट ऑनलाइन काम करतीं हैं। आसान हिंदी में शेयर मार्किट की जानकारी मिलना कठिन होता है. Share Market की जानकारी केवल कुछ लोगों तक ही सीमित क्यों रहे? यहां आपको हम कोई विशेष शेयरों के बारे में टिप्स नहीं देते हैं मगर आपको शेयर बाजार के तकनीकी पहलुओं से हिंदी में अवगत करने की कोशिश करते हैं।
Share Market Basics in Hindi
इस लेख में हमने कोशिश की है कि आसान भाषा में आपको Share Market के सभी पहलू समझ में आ जायें। यहां हम समझेंगे भारत के स्टॉक एक्सचेंज कौन से हैं, उनमें काम कैसे होता है, इनके इंडेक्स कौन से हैं। शेयर बाजार की भाषा कैसे समझी जा सकती है, निवेश के लिये शेयरों का चुनाव कैसे किया जाना चाहिये और इन पर रिटर्न कैसे मिलता है। तेजी और मंदी क्या है और इस बाजार में किस तरह का रिस्क होता है और हम उसे कैसे कम कर सकते हैं।
अलग तरह की प्रतिभा नहीं चाहिए
शेयर बाजार एक खतरनाक खेल है, इसमें कूदने से पहले इसके बारे में अधिक से अधिक जानकारी ले लेना बहुत आवश्यक है। मगर इसका मतलब यह बिलकुल नहीं है कि Share Market में निवेश करने के लिए कोई अलग तरह की प्रतिभा या योग्यता ही चाहिए. कोई भी कोशिश करके जान सकता है कि शेयर क्या हैं और शेयर बाजार की जानकारी ले सकता है.
Share Market की जानकारी
जैसा कि मैंने कहा कि शेयर मार्केट के बारे में अधिक से अधिक जानकारी प्राप्त करें। जिस चीज के बारे में हम अनजान होते हैं हम उससे डरते हैं मगर जैसे जैसे हम उसे जानने लगते हैं, हमारा डर उसके प्रति कम होता जाता है। पता करें कि कैसे हिंदी में शेयर बाजार की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और कैसे रखें शेयर बाजार में खुद को अपडेट हमारी साइट पर।
Benefits of Investing in Share Market
शेयरों में निवेश के लाभ
Share Market में निवेश का सबसे महत्वपूर्ण फायदा है निवेश बढ़ने की संभावना। सटॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध कंपनी के शेयर की कीमतें नियमित आधार पर बढ़ती और घटती हैं। लेकिन अगर हम लंबे समय तक के लिए निवेशित रहें तो हम अपने फंड मूल्य को काफी बढ़ता हुआ देख सकते हैं। स्थिर और ग्रोथ देने वाली जानी मानी कंपनियों में निवेश हमेशा लाभदायक होता है। विभिन्न शेयरों में निवेश करने से आपको आर्थिक प्रणाली के विभिन्न क्षेत्रों में ग्रोथ का लाभ उठाने में मदद मिलेगी। शेयर बाजार में बढ़ती कीमतें शेयर बाजार में निवेश का सबसे बड़ा कारण है जिससे निवेशकों को फायदा होता है।
Dividend Income लाभांश
अधिकतर कंपनियां अपने लाभ का एक हिस्सा Dividend यानी लाभांश के रूप में शेयर धारकों को देतीं हैं। यदि शेयर की कीमत घट भी रही हो तो भी Dividend मिलने की संभावना रहती है। लाभांश की आय शेयर के कीमत से मिले लाभ के अतिरिक्त होती है।
Bonus और Right शेयर
कंपनियां बोनस और राइट शेयरों के द्वारा भी अपने शेयर होल्डरों को लाभ पहुँचाती हैं। तेज़ी से ग्रोथ करने वाली कंपनियाँ अपने शेयर धारकों को बोनस शेयर और बाज़ार क़ीमत से कम क़ीमत पर राइट शेयर देतीं हैं।
कंपनी के स्वामित्व में हिस्सेदारी
शेयर खरीद कर अपने शेयरों की संख्या के अनुपात में आप उस कंपनी के स्वामी बन जाते हैं। इसके साथ ही शेयरहोल्डर को कई अधिकार भी प्राप्त हो जाते हैं।
बेचने और खरीदने में आसानी
ऑनलाइन ट्रेडिंग के ज़माने में आप अपने ट्रेडिंग एकाउंट से एक क्लिक के साथ ट्रेडींग ऑवर्स में कोई भी लिस्टेड शेयर ख़रीद और बेच सकते हैं। इसके लिए आपको डीमेट खाता खुलवाना होगा और ब्रोकर के पास ट्रेडिंग एकाउंट खुलवाना होगा।
मुद्रास्फीति को मात
आपका निवेश यदि आपको मुद्रास्फीति में कम रिटर्न देता है तो वास्तव में आपका निवेश बढ़ने के बजाये घट रहा है। ऐतिहासिक रूप से शेयर हमेशा मुद्रास्फीति से अधिक रिटर्न देते हैं।
Disadvantages of Investment in Share Market
शेयर बाजार में निवेश के नुक़सानों में इससे जुड़ा रिस्क सबसे पहले है। विस्तार से जानते हैं शेयर बाज़ार में निवेश के नुक़सान:
जोखिम
आप अपना निवेश खो भी सकते हैं। यदि कोई कंपनी खराब प्रदर्शन करती है, तो निवेशक शेयर को बेचना शुरू कर देते हैं जिससे शेयर की कीमत लुढ़कने लगती है। ऐसे में आपको अपने निवेश पर घाटा भी हो सकता है। यदि आप अपने निवेश को खोने का जोखिम नहीं उठा सकते हैं आपको म्यूचुअल फंड या फिक्स्ड इनकम वाले निवेश के साधनों में ही निवेश करना चाहिए।
जानकारी प्राप्त करना
शेयर बाजार में निवेश के पहलुओं को सीखना और यहाँ की ताजा जानकारी प्राप्त कर अपटूडेट रहना बहुत आवश्यक है। सबसे पहले सही जानकारी प्राप्त करने वाला यहाँ फ़ायदे में रह सकता है। आफवाहें, ग़लत टिप्स और किसी अन्य तरह की ग़लत जानकारी के आधार पर निवेश करना नुक़सानदायक हो सकता है।
भावनात्मक उतार चढ़ाव
शेयरों की कीमत प्रतिपल घटती और बढ़ती रहती है। लालच में निवेशक बढ़े हुए भाव पर शेयर ख़रीद लेते हैं और डर के कारण घटी क़ीमतों पर बेच कर नुक़सान उठा लेते हैं।
रिसर्च
यहां निवेश करने के लिए जानकारी और रिसर्च की आवश्यकता होती है। इसके लिए Annual Report और Balance Sheet को पढ़ना और समझना आना चाहिए। आपको निरंतर शेयर की कीमतों पर नजर रखनी होती है और मंदी में जब कीमतें गिरें तभी निवेश करना होता है। इसी प्रकार कीमत बढ़ने पर निकलने का अवसर भी समझना होता है।
Stock Exchanges in India भारत के स्टॉक एक्सचेंज
शेयर बाजार का कारोबार स्टॉक एक्सचेंजों पर ही होता है। भारत के दो प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज हैं
BSE यानी मुम्बई स्टॉक एक्सचेंज दुनिया के पुराने स्टॉक एक्सचेंजों में से एक है। भारत के दोनों स्टॉक एक्सचेंज आधुनिक तकनीक से कंप्यूटर नेटवर्कों पर काम करते हैं। विस्तार से जानिये शेयर मार्केट कैसे काम करते हैं। शेयर मार्केट वास्तव में कंप्यूरों का नेटवर्क है जिस पर शेयर खरीदने और बेचने वाले अपने ब्रोकरों के द्वारा निवेशक ऑर्डर करते हैं जिनका उच्च श्रेणी के सॉफ्टवेयर द्वारा तीव्र गति से मिलान किया जाता है। यहां शेयर बाजार क्या है विस्तार से पढ़ें। साथ ही पढ़ें शेयर कैसे खरीदें।
List of the main Share Markets of the World
दुनिया के कुछ बड़े और प्रमुख Share Markets हैं
- New York Stock Exchange न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज
- NASDAQ नास्डैक
- Japan Exchange Group जापान एक्सचेंज ग्रुप
- Shanghai Stock Exchange शंघाई स्टॉक एक्सचेंज
- London Stock Exchange लंदन स्टॉक एक्सचेंज
- Eronext यूरोनेक्स्ट
- Shenzhen Stock Exchange शेनझेन स्टॉक एक्सचेंज
- Hong Kong Stock Exchange हांगकांग स्टॉक एक्सचेंज
- TMX Group टीएमएक्स समूह
- Deutsche Boerse ड्यूश बोर्स
- Bombay Stock Exchange बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज
- National Stock Exchange of India नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया
- Six Swiss Exchange सिक्स स्विस एक्सचेंज
- Korea Exchange कोरिया एक्सचेंज
- NASDAQ Nordic Exchanges नास्डैक नॉर्डिक एक्सचेंज
आप इन सब के बारे में विस्तार से दुनिया के शेयर बाज़ार पर पढ़ सकते हैं।
Share Market Indexes मार्केट इंडेक्स
BSE का प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स है और NSE का निफ्टी। इंडेक्स अलग अलग उद्योगों की लीडर कंपनियों के शेयरों से बनते हैं और बाजार के रुख और भावनाओं को इन से समझा जा सकता है। इनके अलावा अलग अलग कैपिटल आकार की कंपनियों के शेयरों का प्रतिनिधित्व उनके इंडेक्स करते हैं जैसे कि लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप इंडेक्स। इसी प्रकार अलग अलग उद्योगों के शेयरों की चाल देखने के लिये सेक्टर इंडेक्स भी होते हैं जैसे कि बैंकिंग इंडेक्स या फार्मा इंडेक्स।
Understanding Language of Share Market शेयर बाजार की भाषा को समझना
यहां की अपनी भाषा है और कई ऐसे शब्द प्रयोग किये जाते हैं जिनके आर्थ और संदर्भ आम आदमी को कई बार समझना मुश्किल हो जाता है। ऐसे कई शब्दों और वाक्याशों के अर्थ और परिभाषाएं आपको हमारी इस साइट पर मिल जायेंगे। यहां हमने शेयर बाजार में प्रयोग होने वाले शब्दों का संग्रह किया है जिनके बारे में आप जान सकते हैं।
Selecting Shares for Investment निवेश के लिये शेयर का चुनाव
ब्ल्यूचिप शेयर और FMCG शेयर हमेशा से निवेशकों की पहली पसंद रहे हैं। लार्ज कैप शेयर आपके निवेश के रिस्क को कम करते हैं तो दूसरी तरफ मिड कैप और स्मॉल कैप शेयरों में ग्रोथ की संभावना आधिक रहती है। किस कंपनी के शेयर खरीदें में आप पढ़ेंगे कि निवेश के लिये शेयरों का चुनाव कैसे करें।
Returns on Shares शेयरों पर रिटर्न
जितनी देर Share Market में ट्रेडिंग चलती है, शेयरों की कीमत पल पल मांग और पूर्ति के अनुसार घटती बढ़ती रहती है। हर कोई इस उम्मीद से शेयर खरीदता है कि उसके शेयर की कीमत बढ़ेगी और वह बढ़ी हुई कीमतों पर अपने शेयर को बेच पायेगा। लंबी अवधी तक किसी कंपनी के शेयर अपने पास रख कर शेयर होल्डर कंपनी के विकास में उसका भागीदार बनता है और उसका लाभ बढ़ी कीमतों के रूप में प्राप्त करता है। कंपनियां अपने लाभ को शेयर होल्डरों के साथ डिविडेंड, बोनस शेयर या राइट शेयर के रूप में बाँटतीं हैं।
Risk in Share Market रिस्क भी है
यदि कंपनी अच्छे नतीजे नहीं देती या बाजार की उम्मीदों से कम ग्रोथ का प्रदर्शन करती है तो बाजार में उसके शेयर की कीमत कम भी हो सकती है। भविष्य हमेशा अनिश्चित होता है और इस अनिश्चितता का सामना एक निवेशक को भी करना पड़ सकता है।
Understanding Risk शेयर मार्केट के रिस्क को समझना
आपने कई इस तरह के किस्से सुनें होंगे कि कैसे कोई रातों रात शेयरों में पैसा लगा कर अमीर बन गया। आपने यह भी सुना होगा कि कैसे कोई कम्पनी का शेयर मल्टीबैगर था और कुछ ही समय में दो गुना, तीन गुना या कई गुना हो गया। इससे उलट यह भी सुना होगा कि कैसे कोई शेयर बाजार में निवेश कर के बहुत घाटे में आ गया। हमारा उद्देश्य होना चाहिए कि इस फ़ायदे और घाटे में संतुलन बना कर अपने निवेश पर ऐसा रिटर्न निरंतर प्राप्त कर सकें जिससे हमारा निवेश अधिक रिस्क में ना फँसे। तो जब हम इस ब्लॉग पर Share Market in Hindi के बारे में पढ़ेंगे तो यह भी सिखाने की कोशिश करेंगे कि कैसे अपने रिस्क को कम से कम कर सकते हैं।
उम्र के अनुसार Share Market में रिस्क लेने की क्षमता
Share Market investors age in Hindi यहां आपको यह भी समझने की आवश्यकता है कि निवेशक की उम्र के साथ साथ कैसे उसका रिस्क प्रोफ़ायल भी बदलता है। कम उम्र का निवेशक अधिक रिस्क ले कर आक्रामक रूप से निवेश कर सकता है क्योंकि उसके पास अधिक कमाई करने के लिए अभी बहुत समय है और हो सकता है कि उस पर बहुत अधिक जिम्मेदारियाँ ना हों। 40 से 50 की उम्र तक आते आते रिस्क लेने की क्षमता कम हो जाती है और ज़िम्मेदारियाँ बढ़ जातीं हैं। इस उम्र में डिफ़ेंसिव हो कर कैसे निवेश करें यह भी समझना आवश्यक है।
आयु और 100 का फार्मुला
आम तौर पर कहा जाता है कि अपनी उम्र को सौ में से घटा दीजिये और जो बचे अपने निवेश का उतने प्रतिशत शेयर बाजार में निवेश करें। उदाहरण के लिये यदि आप की उम्र 25 साल है तो 100 में से 25 घटाने से 75 बचेगा। तो 25 कि आयु में अपनी बचत का 75% शेयर बाजार में निवेश करना चाहिये। इसी प्रकार 60 की उम्र में 40% निवेश शेयरों में करना चाहिये।
Bulls and Bears तेजी और मंदी
छोटी अवधि में बाजार भावनाओं के आधार पर चलता है। आपने बुल और बेयर के बारे में सुना होगा। बाजार में तेजी और मंदी के दौर चलते हैं। तेजी के समय को बुल मार्केट और मंदी को बियर मार्केट कहते हैं। हो सकता है कि तेजी के माहोल में घटिया शेयर भी अच्छा प्रदर्शन करने लगें और मंदी में बढ़िया शेयर भी नीचे का रुख करने लगें। मगर लंबी अवधि में किसी भी शेयर की कीमत आमतौर पर कंपनी की पर्फॉर्मेंस के अनुसार ही अपने सही लेवल पर पहुंच जाती है।
कैसे Share Market में भाग लें
इसके लिये आपको किसी ब्रोकर से मिल कर उसके पास ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाना होगा। आपके पास डीमैट खाता भी होना चाहिये। कई बैंक भी ब्रोकर का काम करते हैं और वहां जा कर आप थ्री इन वन खाता भी खुलवा सकते हैं जिसमें सेविंग खाता, डीमैट खाता और ट्रेडिंग खाता शामिल होता हें। इसके लिये आपको वार्षिक चार्ज देने पड़ सकते हैं। शेयर खरीदने और बेचने के लिये भी ब्रोक्रेज देना होता है।
Diversification in Share Market डाइवर्सिफाई कीजिए और शेयर मार्केट में रिस्क से बचिए
अलग आकार की कंपनियां होतीं हैं और कुछ का पिछला पर्फार्मेंस अच्छा होता है तो कुछ का खराब। निवेश के समय चयन करते हुए इस बात ख्याल रखा जाता है कि अलग अलग तरह की कंपनियों में निवेश कर ऐसा पोर्टफोलियो बनाया जाये जिससे रिस्क को कम किया जा सके। जानिये कि किस तरह निवेश को डाइवर्सिफाई करके निवेश के रिस्क को कम किया जा सकता है. हेजिंग क्या है और इससे Share Market में निवेश के रिस्क को कैसे कम किया जाता है. फ्यूचर और ऑप्शन्स क्या हैं यह भी समझने की कोशिश कीजिये.
तो पढ़िए Share Market in Hindi और तैयार हो जाइये अमीर बनने के लिये……….।
आगे पढ़ें शेयर बाजार क्या है
Leave a Reply