Difference in SIP and RD in Hindi. SIP और RD में से बेहतर क्या है और रिकरिंग डिपॉजिट और SIP में से क्या चुनें। जानिये आवर्ती जमा और एसआईपी में क्या फर्क है और दोनों के क्या क्या फायदे हैं। यानी RD और SIP किस तरह कार्य करतीं हें और दोनों में से मुझे इन में से निवेश के लिये कौन सा साधन चुनना चाहिये। हम RD और SIP दोनों करवा सकते हैं मगर किस में मिलता है ज्यादा रिटर्न और किस अवस्था में कौन सी योजना में निवेश करना चाहिये इसे समझते हैं आसान हिंदी में। साथ ही जानेंगे किन लोगों के लिये कौनसी योजना अधिक उत्तम है और किस में निवेश के साथ जोखिम भी जुड़ा हुआ है। Difference in Systematic Investment Plan and Recuring Deposit in Hindi
Difference in SIP and RD in Hindi
रिकरिंग डिपॉजिट भारत में सबसे लोकप्रिय निवेश योजना है खासकर ऐसे निवेशकों के लिए जो बिल्कुल भी जोखिम नहीं लेना चाहते। RD योजना में अपने पैसे का निवेश करने का मुख्य लाभ यह है कि इनमें कोई जोखिम नहीं होता पर निश्चित रिटर्न मिलते हैं। SIP योजना इससे एकदम अलग है लेकिन फिर भी कई बार निवेशकों को भ्रम हो जाता है कि उन्हें आरडी या SIP योजना में से किस योजना में निवेश करना चाहिये।
Difference in SIP and RD in Hindi – RD पर रिटर्न
RD में आपको पहले से निश्चित आय मिलती हैं और इसे सभी प्रमुख बैंकों और डाक घरों में खुलवाये जा सकते हैं। इसमें आप एक निश्चित राशि निवेश कर सकते हैं जिस पर आपको एक निश्चित दर पर ब्याज प्राप्त होगा। योजना के अंत में निवेशकों को आपनी निवेशित पूंजी और अर्जित ब्याज दोनों प्राप्त होंगे। SIP में निवेश म्यूचुअल फंड की किसी योजना में किया जाता है जिसका रिटर्न पहले से निश्चित नहीं होता है और पूरी तरह शेयर बाजार की पर्फार्मेंस पर निर्भर करता है। SIP निवेश में बाजार से जुड़े हुए रिस्क भी शामिल होते हैं, हमारी साइट पर विस्तार से पढ़ें म्यूचूअल फंड में निवेश में रिस्क कितना होता है।
Difference in SIP and RD in Hindi
जब हम RD और SIP के बारे में बात करते हैं तो इनमें सबसे महत्वपूर्ण अंतर है जिससे हम सब को अवगत होना चाहिए। हालांकि RD और SIP दोनों के निवेशकों को नियमित अंतराल पर निश्चित राशि जमा करनी होती है मागर आरडी एक निश्चित कार्यकाल के लिये करवायी जातीं हैं जबकि SIP शुरू होने के बाद जितना चाहें उतनी अवधी के लिये इसे चला सकते हैं। SIP और RD में से बेहतर क्या है पुरी तरह इस बात पर निर्भर करता है कि कोई निवेशक कितना जोखिम लेने को तैयार है और कितनी अवधी निवेश कर सकता है।
RD पर ब्याज दर
RD की ब्याज दर एक वर्ष के कार्यकाल के लिए 5.25% से 7.00% के बीच हो सकती है। RD की ब्याज दर आमतौर पर कार्यकाल और मासिक निवेश राशि पर निर्भर करती है।
SIP पर रिटर्न
SIP का निवेश म्यूचुअल फंड में किया जाता है और आपके मासिक निवेश की राशी के आधार पर स्कीम की NAV के अनुसार आपको यूनिट अलॉट कर दी जातीं हैं। आपकी स्कीम के निवेश के आधार पर उस स्कीम की यूनिट्स का NAV घटता बढ़ता रहता है। SIP बंद करवाने पर जब आप अपनी राशी निकलवाना चाहें तब उस दिन की NAV के आधार पर आपको अलॉट की गयीं यूनिटों की वेल्यू के बराबर राशी आपको मिल जाती है। आप चाहें तो SIP में नया निवेश बंद कर दें और अब तक मिली य़ूनिट को रखे रहें। आप जब चाहे अपनी यूनिटों को हिस्सों में या एकमुश्त सरंडर कर सकते हैं।
बाजार पर आधारित
हालांकि म्युचुअल फंड का रिटर्न पूरी तरह बाजार पर आधारित होता है मगर पांच साल से अधिक निवेश करने पर आपको 15%-18% प्रतिवर्ष का रिटर्न मिल सकता है। SIP Investment का उपयोग कर आप यह जान सकते हैं कि कितनी राशि नियमित जमा कर एक निशचित रिटर्न पर आपको कितनी मैच्योरिटी वेल्यू मिल सकती है।
आपको क्या चुनना चाहिए – RD या SIP
SIP vs RD in Hindi उन लोगों के लिए जिनके पास निवेश करने के लिए एकमुश्त राशि नहीं है, लेकिन हर महीने आय से राशि का एक छोटा सा हिस्सा अलग कर सकते है उनके लिये आवर्ती जमा (आरडी) और SIP दोनों सही है। आरडी जोखिम ना चाहने वाले निवेशकों के लिए सबसे उपयुक्त हैं। SIP में मार्किट से जुड़ा रिस्क शामिल होता है पर लंबी अवधी में बेहतर रिटर्न मिलने की संभावना रहती है।
तो SIP और रिकरिंग डिपॉजिट में से बेहतर क्या है इस सवाल के जवाब में SIP vs RD पढ़ने के बाद यही कह सकते हैं कि जोखिम ना चाहने वालों के लिये आरडी बेहतर है और लंबी अवधी के लिये निवेश करने और जोखिम को समझने वालों के लिये SIP बेहतर है।
आगे पढ़ें SIP बंद कैसे करवाएं
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