What is Sum Assured meaning in Hindi सम एश्योर्ड क्या है और इसका बीमा में क्या महत्व है और कितना सम एश्योर लेना चाहिये। आपको अपनी आय के आधार पर कितना Sum Assured मिल सकता है, सम एश्योर्ड और मैच्योरिटी वैल्यू में क्या अंतर है। जिस किसी ने भी बीमा करवाया होगा उन्होंने इसे सुना होगा मगर क्या आप जानते हैं सम एश्योर्ड का वास्तविक मतलब क्या है और क्यों यह जानना जरूरी है। यदि आपने भी जीवन बीमा लिया है या स्वास्थ्य बीमा लिया है तो इसे समझ लें कि सम एश्योर्ड की जानकारी और आपके बीमा के क्लेम में इसके आधार आपको कितनी राशी मिल सकती है। साथ ही आप पढ़ सकते हैं हमारी साइट पर उपलब्ध बीमा से संबंधित कई महत्वपूर्ण जानकारियां। What is Sum Assured in Insurance meaning in Hindi.
Sum Assured Meaning In Hindi
Sum Assured या बीमित राशि वह राशि है जो कि किसी भी बोनस जोड़े जाने से पहले बीमा पॉलिसी देने की गारंटी देती है। दूसरे शब्दों में यह गारंटीकृत बीमा राशि पॉलिसीधारक को प्राप्त होगी। इसे कवर या कवरेज राशि के रूप में भी जाना जाता है और ये वह कुल राशि है जिसके लिए एक व्यक्ति बीमित होता है। यहां पढ़ें Term Insurance in Hindi हमारी साइट पर।
Sum Assured and Maturity Value मैच्योरिटी वैल्यू या परिपक्वता मूल्य
परिपक्वता मूल्य वह है जो पॉलिसी परिपक्व होने पर बीमा कंपनी को किसी व्यक्ति को भुगतान करनी होती है इसमें Sum Assured और बोनस शामिल होंगे। यदि पॉलिसी धारक पॉलिसी परिपक्व होने से पहले मर जाता है तो लाभार्थी को भी बोनस (तब तक घोषित) के साथ बीमा राशि मिलती है। मान लीजिये किसी पॉलिसी में सम एश्योर्ड ₹2,00,000 है, और पॉलिसी परिपक्व होने तक पॉलिसीधारक जीवित है तो उसे ₹2,00,000 रुपये और पॉलिसी के कार्यकाल के दौरान घोषित बोनस मिलेगा। सम एश्योर्ड पॉलिसी लेने के समय निर्धारित होता है मगर मैच्योरिटी वैल्यू पॉलिसी की अवधि समाप्त होने पर पॉलिसी अवधि के दौरान घोषित बोनस का ध्यान रख कर निकाली जाती है। यहां पढ़ें जीवन बीमा में किसे नामित करें हमारी साइट पर।
Importance of Sum Assured in Hindi महत्व
वास्तव में हम Sum Assured के लिये ही बीमा लेते हैं। सम एश्योर्ड कितनी राशी का है यह बीमा की अवधि के दौरान बीमा धारक पर और क्लेम के समय क्लेम की राशि पर असर डालता है। सम एश्योर्ड के आधार पर ही जीवन बीमा के प्रीमियम का निर्धारण होता है जिसका असर बीमा धारक पर बीमा की अवधि के दौरान रहता है। बीमा की परिपक्वता राशि या क्लेम की राशि भी सम एश्योर्ड पर निर्भर रहती है। जीवन बीमा अनुबंध पर हस्ताक्षर करने के समय बीमाकर्ता यानी बीमा कंपनी और बीमाधारक यानी पॉलिसी का खरीदार, बीमा धारक के निधन पर देय राशी पर सहमत होते हैं। यह नामांकित व्यक्ति को सौंपा जाता है जिसे बीमाधारक द्वारा तय किया जाता है। वास्तव में Sum Assured वह राशि है जिसके लिए बीमा धारक प्रीमियम का भुगतान करता है।
Deciding Sum Assured Amount कैसे निर्धारित करें
सम एश्योर या बीमा राशि इतनी होनी चाहिये जिससे बीमा धारक के ना रहने पर उसका परिवार तब तक अपना भरन पोषण कर सके जब तक कि परिवार में कोई दूसरा व्यक्ति कमाने लायक ना हो जाये। आमतौर पर बीमा धारक की वार्षिक आय का 8 गुणा सम एश्योर लेना चाहिये। जितना भी आप सम एश्योर्ड लेते हैं उसी के अनुसार आपके प्रीमियम का निर्धारण भी होता है। अन्य कई प्रीमियम निर्धारण के कारक भी होते हैं जिन्हें जान लेना आवश्यक है। यदि लाभ रहित प्लान ले रहे हैं तो संभावित बोनस का भी ध्यान रखें जिससे परिपक्वता राशि बढ़ जाती है।
Sum Assured निर्धारन में रखें मुद्रास्फीति का ध्यान
Sum Assured को निर्धारित करने से पहले मुद्रास्फीति का भी ध्यान रखा जाना चाहिए। आज आप जितना खर्च कर वर्तमान जीवन शैली में जी रहे हैं बीस साल में वह खर्च कई गुना बढ़ सकता है। सम एश्योर्ड का निर्धारण करते समय इसकी गनणा भी आवश्यक है।
कितना Sum Assured ले सकते हैं
ऐसा नहीं है कि कोई भी कितना भी Sum Assured ले ले। बीमा कंपनियां यह निर्धारित करतीं हैं कि आप अधिकतम कितना सम एश्योर्ड ले सकते हैं। यह आधिकतर आपकी आय पर निर्भर करता है। बड़ी सम एश्योर्ड लेने के लिये आपकी वर्तमान आय भी उसी अनुपात में होनी चाहिए। इसके लिये सभी बीमा कंपनियों ले मानदंड लगभग एक से हैं। इसके लिए बीमा कंपनी आपसे आपकी वर्तमान या पिछले तीन वर्षों की आय का प्रूफ भी मांग सकती है।
आशा करते हैं कि Sum Assured Meaning in Hindi आपको समझ आ गया होगा और इस बारे में सभी भ्रांतियां दूर हो गईं होंगी।
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